Wednesday, 24 April 2013

ARE WE DOING RIGHT?



महिला अधिकरो पर बात करते ही जेहन में एक ही सवाल उठता है , यह आवाज यह धरना और यह विरोध तोह ठीक है लेकिन पर्दे के  पीछे का एक सच और भी है, यह नहीं कहूगी की महिलाये कानून का गलत इस्तेमाल करती है या फिर पुरुष उत्पीडन के शिकार हो रहे है। डर आने वाले कल की उस हकीकत का जिस पर आज धयान नहीं दिया जा रहा, आज ऑफिस में चर्चा हुई बलात्कार और वेश्यावृति की, दोनों अलग अलग बाते है क्या सच में अलग है,, गाँधी नगर बलात्कार मामले के ठीक एक दिन पहले नानकपुरा में एक नेपाली लड़की ने बलात्कार हुआ यह कहा पुलिस की थ्योरी में हलाकि शुरुआत में बलात्कार की पुष्ठी नहीं हुई लेकिन लड़की के आरोप ने मीडिया में खूब जगह बटोरी,,, अगले दिन ५ साल की मासूम के साथ दो लोगो ने बर्बर तरीके से बलात्कार किया,, घटनाये दोनों एक से है लेकिन एक फर्क है,,, नेपाली लड़की का आरोप था जिसे बाद में सही नहीं माना गया,  डर इस बात का ही है की कही ऐसा समय न आ जाये जब की झूठे और इरादतन आरोप में असल बलात्कार भी न छिप जाये,, निश्चित रूप से समाज में बलात्कार की घटनाये बढ़ने के साथ ही वेश्यावृति भी बढ़ी है लेकिन भविष्य में महिलाओ सुरक्षा के लिए एक मजबूत कानून बनाने के लिए यह जरूरी है की इन बलात्कार और वेश्यावृति के बीच के इस फर्क को मिटने न दिया जाये,,

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